वाराणसी. कचहरी परिसर के गेट नंबर-1 के पास शनिवार को एडवोकेट ज्योति शंकर की कुर्सी के नीचे बम मिला। इसकी सूचना तुरंत कंट्रोल रूम को दी गई। पुलिसकर्मियों ने इलाके को सील कर बम स्क्वॉयड को बुलाया। एसएसपी आकाश कुलहरि ने पुष्टि करते हुए कहा कि दो हैंड ग्रेनेड मिले हैं, जिन्हें पानी में डालकर डिफ्यूज किया गया है। बता दें, देर शाम गृहमंत्री राजनाथ सिंह सर्किट हाउस पहुंच रहे हैं। इसकी कचहरी से दूरी करीब 200 मीटर ही है।
सुरक्षाकर्मी कर रहे जांच
- सेंट्रल बार एसोसिएशन के अध्यक्ष विवेक शंकर तिवारी ने बताया कि माइक से अनाउंस कर पूरा परिसर खाली कराया गया।
- डिस्ट्रिक्ट जज से बात कर हर केस की अगली डेट सोमवार कर दी गई है।
- सुरक्षा के मद्देनजर पूरी टीम जिला प्रशासन के साथ जांच कर रही है।
- एसएसपी ने कहा कि पूरे जिले में अलर्ट जारी कर दिया गया है।
- कमिश्नर नितिन रमेश गोकर्ण ने कचहरी परिसर के सभी सीसीटीवी और मेटल डिडेक्टर ठीक करने का आदेश दिया है ।
क्या थी बम की क्षमता
- कोर्ट परिसर में मिले बम HE explosive no. 36 hand grened की ब्लास्ट से 25 मीटर का एरिया प्रभावित हो सकता था।
- इस समय इसका इस्तेमाल सेना में नहीं किया जाता है।
- सूत्रों के मुताबिक आतंकवादी इसका इस्तेमाल करते हैं।
- इसमें लगे पिन को निकाल कर और डेटोनेटर के जरिये इसे ब्लास्ट करवाया जा सकता है।
कब-कब और कहां हुआ धार्मिक नगरी में ब्लास्ट
23 फरवरी 2005 (दशाश्वमेध घाट)
- 23 फरवरी 2005 को पहली बार आतंकियों ने वाराणसी के दशाश्वमेध घाट पर ब्लास्ट किया।
- इस धमाके में सात लोगों की जान गई थी जबकि करीब 16 लोग घायल हो गए थे।
- जांच एजेंसियां काफी दिनों तक इसे सिलेंडर ब्लास्ट मानती रहीं। बाद में पुष्टि हो पाई कि ये आतंकी कार्रवाई थी।
7 मार्च 2006 (संकट मोचन और कैंट रेलवे स्टेशन)
- 7 मार्च 2006 की शाम वैवाहिक स्थल के पास तेज धमाका हुआ।
- ठीक उसी वक्त एक और धमाका कैंट रेलवे स्टेशन के पर्यटक रूम के हुआ। - धमाके से जमीन में दो फीट गड्ढे बन गए।
- इस सीरियल ब्लास्ट में 27 लोगों की मौत हो गई जबकि करीब 160 लोग घायल हो गए।
23 नवंबर 2007 (कचहरी)
- 23 नवंबर 2007 की दोपहर में वाराणसी कचहरी में धमाका हुआ।
- इसमें 9 लोगों की मौत हो गई जबकि 155 से अधिक लोग घायल हो गए। - पहला धमाका कलेक्ट्रेट में लोवर लॉकअप के पास और दूसरा दीवानी सेशन कोर्ट के पास हुआ।
7 दिसंबर 2010 (शीतला घाट)
- 7 दिसंबर 2010 की शाम करीब 6.40 बजे शीतला घाट में गंगा आरती चल रही थी। तभी एक धमाका हुआ।
- इसमें दो की मौत हो गई जबकि करीब 35 लोग घायल हो गए। इनमें कई विदेशी सैलानी शामिल हैं।
सुरक्षाकर्मी कर रहे जांच
- सेंट्रल बार एसोसिएशन के अध्यक्ष विवेक शंकर तिवारी ने बताया कि माइक से अनाउंस कर पूरा परिसर खाली कराया गया।
- डिस्ट्रिक्ट जज से बात कर हर केस की अगली डेट सोमवार कर दी गई है।
- सुरक्षा के मद्देनजर पूरी टीम जिला प्रशासन के साथ जांच कर रही है।
- एसएसपी ने कहा कि पूरे जिले में अलर्ट जारी कर दिया गया है।
- कमिश्नर नितिन रमेश गोकर्ण ने कचहरी परिसर के सभी सीसीटीवी और मेटल डिडेक्टर ठीक करने का आदेश दिया है ।
क्या थी बम की क्षमता
- कोर्ट परिसर में मिले बम HE explosive no. 36 hand grened की ब्लास्ट से 25 मीटर का एरिया प्रभावित हो सकता था।
- इस समय इसका इस्तेमाल सेना में नहीं किया जाता है।
- सूत्रों के मुताबिक आतंकवादी इसका इस्तेमाल करते हैं।
- इसमें लगे पिन को निकाल कर और डेटोनेटर के जरिये इसे ब्लास्ट करवाया जा सकता है।
कब-कब और कहां हुआ धार्मिक नगरी में ब्लास्ट
23 फरवरी 2005 (दशाश्वमेध घाट)
- 23 फरवरी 2005 को पहली बार आतंकियों ने वाराणसी के दशाश्वमेध घाट पर ब्लास्ट किया।
- इस धमाके में सात लोगों की जान गई थी जबकि करीब 16 लोग घायल हो गए थे।
- जांच एजेंसियां काफी दिनों तक इसे सिलेंडर ब्लास्ट मानती रहीं। बाद में पुष्टि हो पाई कि ये आतंकी कार्रवाई थी।
7 मार्च 2006 (संकट मोचन और कैंट रेलवे स्टेशन)
- 7 मार्च 2006 की शाम वैवाहिक स्थल के पास तेज धमाका हुआ।
- ठीक उसी वक्त एक और धमाका कैंट रेलवे स्टेशन के पर्यटक रूम के हुआ। - धमाके से जमीन में दो फीट गड्ढे बन गए।
- इस सीरियल ब्लास्ट में 27 लोगों की मौत हो गई जबकि करीब 160 लोग घायल हो गए।
23 नवंबर 2007 (कचहरी)
- 23 नवंबर 2007 की दोपहर में वाराणसी कचहरी में धमाका हुआ।
- इसमें 9 लोगों की मौत हो गई जबकि 155 से अधिक लोग घायल हो गए। - पहला धमाका कलेक्ट्रेट में लोवर लॉकअप के पास और दूसरा दीवानी सेशन कोर्ट के पास हुआ।
7 दिसंबर 2010 (शीतला घाट)
- 7 दिसंबर 2010 की शाम करीब 6.40 बजे शीतला घाट में गंगा आरती चल रही थी। तभी एक धमाका हुआ।
- इसमें दो की मौत हो गई जबकि करीब 35 लोग घायल हो गए। इनमें कई विदेशी सैलानी शामिल हैं।
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