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योग का इतिहास

योगा : योग एक प्राचीन भारतीय जीवन-पद्धति है। जिसमें शरीर, मन और आत्मा को एक साथ लाने (योग) का काम होता है। योग के माध्यम से शरीर, मन और मस्तिष्क को पूर्ण रूप से स्वस्थ किया जा सकता है। तीनों के स्वस्थ रहने से आप स्‍वयं को स्वस्थ महसूस करते हैं। योग के जरिए न सिर्फ बीमारियों का निदान किया जाता है, बल्कि इसे अपनाकर कई शारीरिक और मानसिक तकलीफों को भी दूर किया जा सकता है। योग प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाकर जीवन में नव-ऊर्जा का संचार करता है। योगा शरीर को शक्तिशाली एवं लचीला बनाए रखता है साथ ही तनाव से भी छुटकारा दिलाता है जो रोजमर्रा की जि़न्दगी के लिए आवश्यक है। योग आसन और मुद्राएं तन और मन दोनों को क्रियाशील बनाए रखती हैं। योग क्‍या है, योग कैसे किया जाता है, योग कैसे काम करता है, विभिन्‍न बीमारियों को दूर करने के लिए योग कैसे करें, योग के क्‍या फायदे हैं, मोटापा दूर करने के लिए योग और योग के अन्‍य फायदों के बारे में अधिक जानकारी के लिए इस केटेगरी को पढ़े ।।



अर्ध चन्द्रासन जैसा कि नाम से पता चल रहा है, इस आसन में शरीर को अर्ध चन्द्र के आकार में घुमाया जाता है। इसको भी खड़े रहकर किया जाता है। यह आसन पूरे शरीर के लिए लाभप्रद है।



भुजंग आसन का रोज अभ्यास से कमर की परेशानियां दूर होती हैं। ये आसन पीठ और मेरूदंड के लिए लाभकारी होता है।



बाल आसन से तनाव दूर होता है। शरीर को संतुलिच और रक्त संचार को सामान्य बनाने के लिए इस आसन को किया जाता है।



बिल्ली को मार्जर भी कहते हैं, इसलिए इसे मर्जरियासन कहते हैं। यह योग आसन शरीर को उर्जावान और सक्रिय बनाये रखने के लिए बहुत फायदेमंद है। इस आसन से रीढ़ की हड्डियों में खिंचाव होता है जो शरीर को लचीला बनाता है।



नटराज आसन फेफड़ों की कार्यक्षमता को बढ़ाता है। इय योग से कंधे मजबूत होते हैं साथ ही बाहें और पैर भी मजबूत होते हैं। जिनको लगातार बैठकर काम करना होता है उनके लिए नटराज आसन बहुत ही फायदेमंद है।



गोमुख आसन शरीर को सुडौल बनाने वाला योग है। योग की इस मुद्रा को बैठकर किया जाता है। गोमुख आसन स्त्रियों के लिए बहुत ही लाभप्रद व्यायाम है।



हलासन के रोज अभ्यास से रीढ़ की हड्डियां लचीली रहती है। वृद्धावस्था में हड्डियों की कई प्रकार की परेशानियां हो जाती हैं। यह आसन पेट के रोग, थायराइड, दमा, कफ एवं रक्त सम्बन्धी रोगों के लिए बहुत ही लाभकारी होता है।



सेतु बांध आसन पेट की मांसपेशियों और जंघों के एक अच्छा व्यायाम है। जब आप इस योग का अभ्यास करते है तो शरीर में उर्जा का संचार होता है।



सुखासन बैठकर किया जाने वाला योग है। ये योग मन को शांति प्रदान करने वाला योग है। इस योग के दौरान नाक से सांस लेना और छोड़ना होता है।



रॉकिंग चेयर योग करने से रीढ़ की हड्डियों में ऊर्जा का संचार होता है साथ ही शरीर में रक्त का संचार तेज गति होता है।



नमस्कार आसन किसी भी आसन की शुरुआत में किया जाता है। ये काफी सरल है।



ताड़ासन के अभ्यास से शरीर सुडौल रहता है और इससे शरीर में संतुलन और दृढ़ता आती है।



रोज त्रिकोण मुद्रा का अभ्यास करने से शरीर का तनाव दूर होता है और शरीर में लचीलापन आता है।



कोणासन बैठकर किया जाता है। कमर, रीढ़ की हड्डियां, छाती और कुल्हे इस योग मुद्रा में विशेष रूप से भाग लेते है। इन अंगों में मौजूद तनाव को दूर करने के लिए इस योग को किया जाता है।



उष्टासन यानी उंट के समान मुद्रा। इस आसन का अभ्यास करते समय शरीर की उंट की जरह दिखता है। इसलिए इसे उष्टासन कहते हैं। उष्टासन शरीर के अगले भाग को लचीला एवं मजबूत बनाता है। इस आसन से छाती फैलती है जिससे फेफड़ों की कार्यक्षमता में बढ़ोत्तरी होती है।



वज्रासन बैठकर किया जाना जाने वाला योग है। शरीर को सुडौल बनाने के लिए किया जाता है। अगर आपको पीठ और कमर दर्द की समस्या हो तो ये आसन काफी लाभदायक होगा।

2 comments:

  1. Replies
    1. योग करो और रोग मुक्त हो ।।

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