बेटे फोन पर बोला, RPF ने टिकट होने के बावजूद पकड़ा लिया है ।।
रेल मंत्री लगातार यात्रियों की सुरक्षा का दावा भले ठोंक रहे हों लेकिन आरपीएफ अब हत्यारी बन चुकी है। ये हम नहीं कह रहेेे, उस पर लगे आरोप खुद ये संकेत दे रहे हैं। जौनपुर के एक होनहार बीटेक छात्र को बीते 13 फरवरी को चलती ट्रेन से लूटपाट के बाद हरदोई जिले के संडीला स्टेशन के पास फेंक दिया गया। परिजनों को खबर लगी तो आरपीएफ के 3 कांस्टेबलों पर मुकदमा पंजीकृत कराया।
नगर कोतवाली के बेगमगंज चुंगी निवासी डा. सत्येंद्र मौर्या का बेटा नवीन मौर्या 23 नोएडे में रह कर बीटेक करता था। 13 फरवरी को वह श्रमजीवी एक्सप्रेस की एस-9 बोगी से घर के लिए निकला। परिजनों को भी बताया कि देर रात तक पहुंच जाउंगा। स्टेशन से रिसीव कर लें। बरेली के पास पहुंचा तो उसने पिता को फोन किया। बताया कि आरपीएफ के सिपाहियों ने टिकट होने के बावजूद पकड़ रखा है।
पिता ने फोन पर ही सिपाहियों से बात की और छोड़ने का आग्रह किया। ये भी कहा कि अगर पैसे चाहिए तो जौनपुर पहुंचने पर दे दूंगा। इसके बाद फोन काट दिया गया। दोबारा लगाने पर फोन बंद मिला। परिजन देर रात उसे लेने स्टेशन पहुंचे। ट्रेन आई लेकिन डिब्बे में वह नहीं था। आवाज लगाई तो एक यात्री ने लावारिस बैग के बारे में बताया। वहां परिजनों को नवीन का बैग व जूता मिला। फोन लगाया गया तो फिर बंद मिला।
दूसरे दिन फोन चालू हुआ तो रिसीव करने वाले व्यक्ति ने बताया कि नवीन का शव संडीला स्टेशन के पास मिला है। परिजन वहां पहुंचे तो शव की शिनाख्त की। वहीं के जीआरपी थाने में आरपीएफ के कांस्टेबल मेघराज, विजय सिंह और सत्येंद्र सिंह के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कराया। चाचा आरएस मौर्या ने बताया कि नवीन से लूटपाट के बाद आरपीएफ के जवानों ने चलती ट्रेन से नीचे फेंक दिया। आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया है।
* आखिर RPF को हक़ किसने दिया टिकट चेक करने का , RPF का काम होता है, ट्रैन की बोगियो की और लोगो की सुरक्षा ।।
अगर आपसे कोई RPF या पुलिस वाले टिकेट मांगे उन्हें आप मना कर सकते है ।। *
शेयर करे ।।
रेल मंत्री लगातार यात्रियों की सुरक्षा का दावा भले ठोंक रहे हों लेकिन आरपीएफ अब हत्यारी बन चुकी है। ये हम नहीं कह रहेेे, उस पर लगे आरोप खुद ये संकेत दे रहे हैं। जौनपुर के एक होनहार बीटेक छात्र को बीते 13 फरवरी को चलती ट्रेन से लूटपाट के बाद हरदोई जिले के संडीला स्टेशन के पास फेंक दिया गया। परिजनों को खबर लगी तो आरपीएफ के 3 कांस्टेबलों पर मुकदमा पंजीकृत कराया।
नगर कोतवाली के बेगमगंज चुंगी निवासी डा. सत्येंद्र मौर्या का बेटा नवीन मौर्या 23 नोएडे में रह कर बीटेक करता था। 13 फरवरी को वह श्रमजीवी एक्सप्रेस की एस-9 बोगी से घर के लिए निकला। परिजनों को भी बताया कि देर रात तक पहुंच जाउंगा। स्टेशन से रिसीव कर लें। बरेली के पास पहुंचा तो उसने पिता को फोन किया। बताया कि आरपीएफ के सिपाहियों ने टिकट होने के बावजूद पकड़ रखा है।
पिता ने फोन पर ही सिपाहियों से बात की और छोड़ने का आग्रह किया। ये भी कहा कि अगर पैसे चाहिए तो जौनपुर पहुंचने पर दे दूंगा। इसके बाद फोन काट दिया गया। दोबारा लगाने पर फोन बंद मिला। परिजन देर रात उसे लेने स्टेशन पहुंचे। ट्रेन आई लेकिन डिब्बे में वह नहीं था। आवाज लगाई तो एक यात्री ने लावारिस बैग के बारे में बताया। वहां परिजनों को नवीन का बैग व जूता मिला। फोन लगाया गया तो फिर बंद मिला।
दूसरे दिन फोन चालू हुआ तो रिसीव करने वाले व्यक्ति ने बताया कि नवीन का शव संडीला स्टेशन के पास मिला है। परिजन वहां पहुंचे तो शव की शिनाख्त की। वहीं के जीआरपी थाने में आरपीएफ के कांस्टेबल मेघराज, विजय सिंह और सत्येंद्र सिंह के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कराया। चाचा आरएस मौर्या ने बताया कि नवीन से लूटपाट के बाद आरपीएफ के जवानों ने चलती ट्रेन से नीचे फेंक दिया। आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया है।
* आखिर RPF को हक़ किसने दिया टिकट चेक करने का , RPF का काम होता है, ट्रैन की बोगियो की और लोगो की सुरक्षा ।।
अगर आपसे कोई RPF या पुलिस वाले टिकेट मांगे उन्हें आप मना कर सकते है ।। *
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